आज दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 20 दिवसीय स्वच्छता अभियान “मेरी एनडीएमसी – इसे स्वच्छ रखें” की शुरुआत की । उन्होनें इस पहल की शुरुआत राजधानी दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित प्रसिद्ध और प्राचीन हुनमान मंदिर परिसर में सफाई करते हुए इस स्वच्छता की एक नई पहल अभियान की शुरुआत की, इस अभियान का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एनडीएमसी क्षेत्रों को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखना है। और लोगों को भी इस अभियान से जोड़ना है ताकि वो स्वच्छता का महत्त्व समझ सके। इस मौके पर, वहां मौजूद नई दिल्ली नगर परिषद (NDMC) के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने इस अभियान की महत्ता और इसके दूरगामी प्रभावों पर प्रकाश डाला।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्वच्छता अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि दिल्ली की सुंदरता और स्वच्छता न केवल स्थानीय नागरिकों की जिम्मेदारी है, बल्कि यह एक हम सभी का साझा प्रयास है, जिसमें प्रशासन और जनता दोनों की भूमिका बहुत अहम है। साथ ही यह भी कहा कि इस प्रकार के अभियान सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक ऐसे आंदोलन हैं, जो समाज को स्वच्छता के प्रति जागरूक और जिम्मेदार बनाते हैं।
एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने इस पहल को आगे बढ़ाते हुए स्पष्ट किया कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन और स्वच्छ दिल्ली अभियान का ही हिस्सा है। उन्होंने कहा, “हमने यह संकल्प लिया है कि अगले 20 दिनों तक एनडीएमसी के सभी अधिकारी, कर्मचारी और सहयोगी सड़क पर उतरेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कहीं भी गंदगी या कूड़ा न हो। हम पूरे डेडिकेशन के साथ इस काम में जुटे हैं।”
उन्होंने आगे बताया कि इस स्वच्छता अभियान के दौरान सिर्फ सफाई ही नहीं की जाएगी, बल्कि स्थानीय लोगों को स्वच्छता को लेकर जागरूक भी किया जाएगा कि वे अपने आसपास के क्षेत्रों को साफ-सुथरा रखने में भागीदार बनें और गंदगी और कूड़ा न फैलाये। उन्होंने बताया कि एनडीएमसी क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर स्वच्छता से संबंधित पोस्टर, बैनर और डिजिटल डिस्प्ले और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से निवासियों को जागरूक करने के लिए संदेश प्रसारित किए जाएंगे।
इस अभियान के तहत एनडीएमसी में आने वाले बाजारों, धार्मिक स्थलों, पार्कों और प्रमुख सड़कों पर विशेष रूप से स्वच्छता ड्राइव चलाई जाएगी। एनडीएमसी का लक्ष्य है कि इस पहल के माध्यम से न केवल स्वच्छता में सुधार हो, बल्कि दिल्ली एक आदर्श नगर के रूप में उभरे, जहां स्वच्छता जीवनशैली का हिस्सा बन जाए।