27 जून को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देशभर में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए रहेजा डेवेलपर्स के 13 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई दिल्ली, एनसीआर क्षेत्र और मोहाली में की गई, जिनमें कई फाइलें और संपत्तियों के संबंध में अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। ईडी ने इस मामले में अपनी आधिकारिक जानकारी साझा की है, जिसमें बताया गया कि यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है।
इस तलाशी अभियान की शुरुआत रहेजा डेवेलपर्स के दिल्ली सैनिक फार्म्स में स्थित मुख्य कार्यालय से हुई, जहां से पता चला कि रहेजा डेवलपर्स कंपनी सहित उसके प्रमुख अधिकारियों के खिलाफ कई आपराधिक मामलों की प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। इनमें उनके खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किए गए हैं। जांच का मुख्य उद्देश्य यह था कि इस कंपनी की गतिविधियों में क्या वित्तीय अनियमितताएं या कालेधन का इस्तेामाल किया गया है, और यदि हां, तो इसकी फंडिंग कहा से आई है।

ईडी की टीम ने इस कार्रवाई के दौरान कई अहम दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं। इन दस्तावेजों में वित्तीय लेनदेन, खाता विवरण, संपत्ति संबंधी रसीदें, आईटी आदि शामिल हैं। इन दस्तावेजों से जानकारी निकलने के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि उक्त कंपनी और उसके अधिकारियों ने अपने आर्थिक लेनदेन को छुपाने के लिए गैरकानूनी प्रक्रियाओं का उपयोग किया है या फिर वे कालेधन को सफेद करने की योजनाएं बना रहे थे।
साथ ही, तलाशी के दौरान कई चल और अचल संपत्तियों की भी जानकारी प्राप्त हुई है ताकि आगे की जांच में यह देखा जा सके कि इन संपत्तियों का स्रोत क्या है। इस ऑपरेशन में मिले डिजिटल उपकरणों का विश्लेषण कर यह भी पता लगाया जा रहा है कि इन फाइलों और दस्तावेजों में ऐसा क्या है जो संदिग्ध है।
यह कार्रवाई मीडिया और जनता के बीच काफी चर्चा में बनी रही है, क्योंकि इससे स्पष्ट हो रहा है कि प्रवर्तन एजेंसियां अभी भी मनी लॉन्ड्रिंग के विरुद्ध सख्ती से कार्रवाई कर रही हैं। जांच की अगली प्रक्रिया में यह भी उम्मीद की जा रही है कि इन दस्तावेजों और संपत्तियों की जांच के आधार पर नए तथ्य सामने आएंगे, जिनसे यह पता चल सकेगा कि फंडिंग का स्रोत और निष्क्रिय या सक्रिय रुप से किस प्रकार ये अपराधी बड़े वित्तीय अपराध को अंजाम दे रहे थे।
इस पूरी कार्रवाई का उद्देश्य इस तरह की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाना और देश में आर्थिक अपराधों की रोकथाम करना है। ईडी की टीम इन मामलों में तेजी से जांच कर रही है और आवश्यकतानुसार आगे की कार्रवाई भी करने की तैयारी में है। यह कार्रवाई सरकार की उस मंशा को दर्शाती है कि वित्तीय अपराधों और काले धन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि देश की वित्तीय व्यवस्था सुरक्षित और पारदर्शी बन सके।
इस कदम के प्रभाव से देश भर में अपराधियों में भय का माहौल बना है, और यह संदेश गया है कि वित्तीय माफिया और भ्रष्ट तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। इसी तरह की कार्रवाई जारी रहने की उम्मीद है, ताकि देश में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के चक्र को तोड़ा जा सके।
इस सम्बन्ध में बात करने के लिए हमारे संवाददाता ने रहेजा डेवलेपर्स के डायरेक्टर नवीन रहेजा व कंपनी अन्य अधिकारीयों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया, उनके मोबाइल स्विच ऑफ आ रहे थे।