मंगलवार दोपहर बाद दिल्ली में हुई तेज बारिश ने लोगों को उमसभरी गर्मी से राहत दी, लेकिन इससे सिविक बॉडीज की तैयारियों की पोल भी खुल गई। चंद घंटों की बारिश ने ही दिल्ली की सड़कों को तालाब में तब्दील कर दिया, जिससे कई प्रमुख मार्गों पर जलभराव और भारी ट्रैफिक जाम देखने को मिला।
मुख्य सड़कों पर जलजमाव और जाम
सबसे बुरा हाल धौला कुआं से एयरपोर्ट और गुरुग्राम की ओर जाने वाले नेशनल हाईवे-48 का रहा, जहां घंटों वाहन रेंगते रहे। महिपालपुर, वसंत कुंज, धौला कुआं, आईजीआई एयरपोर्ट, उत्तम नगर, मुंडका और शालीमार बाग सहित कई इलाकों में सड़कें पानी में डूबी रहीं। इंद्रलोक अंडरपास, नजफगढ़ रोड, रोहतक रोड और मोती बाग जैसे क्षेत्रों में यातायात पूरी तरह से बाधित रहा।
रिहायशी इलाकों में भी परेशानी
कई रिहायशी इलाकों जैसे कर्मपुरा, जनकपुरी, रोहिणी सेक्टर-25, भलस्वा डेयरी, मुखर्जी नगर और पश्चिम विहार में जलभराव के कारण लोगों को घरों तक पहुंचना मुश्किल हो गया। वसंत कुंज के नवादा इलाके में राधे-राधे वेलफेयर सोसाइटी के पास भी सड़कें जलमग्न हो गईं।
सोशल मीडिया पर नाराजगी
लोगों ने सोशल मीडिया पर जलभराव और जाम की तस्वीरें व वीडियो साझा किए और दिल्ली सरकार व नगर निकायों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। लोगों ने कहा कि हर साल बारिश के साथ यही स्थिति बनती है लेकिन स्थायी समाधान नहीं निकल रहा।
हवाई यातायात भी प्रभावित
खराब मौसम के कारण दिल्ली एयरपोर्ट पर 14 उड़ानों को दूसरे शहरों में डायवर्ट करना पड़ा जबकि करीब 400 उड़ानें देरी से चलीं। आंधी के कारण कई इलाकों में पेड़ गिर गए और राहत कार्यों में बाधा आई।
बारिश के आंकड़े और मौसम विभाग की चेतावनी
मंगलवार शाम 5:30 बजे तक दिल्ली में 10.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसमें पालम में सबसे ज्यादा 37.2 मिमी और आयानगर में 22.8 मिमी बारिश हुई। कई इलाकों में ओलावृष्टि भी हुई। अधिकतम तापमान 36.2 डिग्री और न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। मौसम विभाग ने बुधवार को भी बारिश और आंधी के लिए येलो अलर्ट जारी किया है और लोगों को जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलने की सलाह दी है।
जल्द पहुंचेगा मानसून
मौसम विभाग के अनुसार, मानसून अगले सप्ताह दिल्ली पहुंच सकता है। अनुमान है कि यह 19 से 25 जून के बीच दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर पश्चिम भारत में पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा। सामान्यतः दिल्ली में मानसून 27 से 30 जून के बीच आता है, लेकिन इस बार इसकी संभावना पहले जताई जा रही है। केरल में पहले ही मानसून दस्तक दे चुका है। बारिश ने जहां मौसम को सुहाना बनाया, वहीं हर साल की तरह इस बार भी सरकारी दावों की हकीकत सामने रख दी।